बॉलीवुड अभिनेता कार्तिक आर्यन आने वाली फिल्म पति पत्नी और वो का कॉमेडी से भरपूर धमाकेदार ट्रेलर रिलीज हो चुका है. इस ट्रेलर में कार्तिक आर्यन, भूमि पेडनेकर और अनन्या पांडे की जबरदस्त कॉमेडी देखने को मिल रही है. कार्तिक आर्यन की रोमांटिक कॉमेडी पति, पत्नी और वो के ट्रेलर की शुरुआत कार्तिक आर्यन की आवाज से होती है. कार्तिक आर्यन कहते हैं कि 10वीं से पहले पिता जी कहे थे चिंटू त्यागी 10th सही से पास कर लो फिर आराम ही आराम. इसी प्रॉमिस पर हमसे पहले इंजीनियरिंग फिर नौकरी और फिर शादी भी करवा ली.. बता दें कि यह फिल्म जो साल 1978 में आई बी.आर. चोपड़ा की पति पत्नी और वो का रूपांतरण है. प्रोडक्शन हाउस टी-सीरीज और बीआर स्टूडियोज ने हाल ही साझा किया कि वे कई फिल्मों पर डील करने के लिए साथ आ रहे हैं. 70 के दशक की इस सुपरहिट कॉमेडी फिल्म में संजीव कुमार लीड रोल में थे जबकि उनकी पत्नी के किरदार में विद्या सिन्हा और सेक्रेटरी के रोल में रंजीता कौर थी. ये फिल्म एक एक्स्ट्रा-मैरिटीयल अफेयर को कॉमिक अंदाज में पेश करने की कोशिश थी. फिल्म में संजीव कुमार और उनकी पत्नी शारदा (विद्या सिन्हा) शादीशुदा प्रेमी जोड़े के रुप में दिखे थे. हालांकि नौकरी में प्रमोशन और तरक्की के साथ ही काम में सहायता के लिए मिली सेक्रेटरी निर्मला (रंजीता कौर) से वो इश्क लड़ाने लगते हैं. पति पत्नि और वो 6 दिसंबर 2019 को रिलीज होने जा रही है.
बिग बॉस का यह 13वां सीजन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे शो में ट्विस्ट आना शुरू हो गया है यह बात तो सब जानते हैं कि, बिग बॉस 13 के घर में रिश्ते आए दिन बनते और बिगड़ते रहते हैं. कभी यहां लोग दोस्त तो कभी दुश्मनों की तरह लड़ते नजर आ जाते हैं. घर में इस समय लव ट्राइएंगल देखने को मिल रहा है। सिद्धार्थ डे शेहनाज गिल को पसंद करते हैं तो शेहनाज भी पारस छाबड़ा पर अपनी निगाहें टिकाएं हुए हैं. अब इस लव ट्राइएंगल में एक और हसीना माहिरा शर्मा कूद पड़ी हैं. माहिरा शर्मा कहती हैं कि, पारस मेरे साथ बैठता है तो शेहनाज को मसले होने लग जाते हैं. तेरा दोस्त है तो तू ले जा. इस बात के जवाब में शेहनाज कहती है कि, मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है ये अगर तुझको रखना है तो रख ले. शहनाज की इस बात पर माहिरा तिलमिला जाती है तो इसके बाद माहिरा कहती है कि, मेरे सामने बॉयफ्रेंड जैसे शब्दों का इस्तेमाल मत कर. माहिरा के तेवर को देखकर शहनाज कहती है कि, मेरे सामने अपना ग्लैमर मत दिखा. माहिरा भी कहां चुप रहने वालों में से हैं. जवाब देते हुए शेहनाज को कह दिया कि, अब मेरे पास ग्लैमर है तो वो तो मैं दिखाऊंगी.
बिग बॉस 13 के जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे वैसे ही घर में तनाव बढ़ता ही चला जा रहा है. बीते दिन सिद्धार्थ शुक्ला और शेफाली बग्घा के बीच जबरदस्त घमासान देखने को मिला था, जिसके बाद ये दोनों ही सदस्य गाली गलौच पर उतर आए थे। हर कोई इन दोनों के इस व्यवहार को देखकर हैरान नजर आया। वैसे ऐसा ही कुछ नजारा आज के एपिसोड में भी देखने को मिलने वाला है, लेकिन इस बार लड़ने वालों के नाम कुछ और ही हैं। हम बात कर रहे हैं रश्मि देसाई और सिद्धार्थ डे की जो कि, आने वाले एपिसोड में एक दूसरे से बुरी तरह लड़ते नजर आएंगे. दरअसल, शहनाज आपस में बात करते हुए सबको बताएगी कि, सिद्धार्थ डे ठर्की है। शहनाज की बातें रश्मि देसाई भी सुन लेगी. रश्मि बाद में सिद्धार्थ डे को जाकर बता देगी कि, शहनाज उसको ठर्की समझती है। यह बात सुनते ही सिद्धार्थ डे गुस्से से लाल पीला हो जाएगें. सिद्धार्थ डे वायल हो रही वीडियो में रश्मि देसाई से कहते दिख रहे हैं, अब तूने भी गेम खेलना शुरू कर दिया है। आगे सिद्धार्थ डे कहते नजर आ रहे हैं कि, मैं यहां अपना जमीर बेचने नहीं आया हूं। यह बात सुनकर रश्मि देसाई बोलती दिख रही है कि यह तो वक्त ही बताएगा. रश्मि देसाई की यह बात सुनकर सिद्धार्थ डे तिलमिला जाएंगे और बाहर आकर शेफाली को अपने दिल की बात बताते नजर आएंगे। सिद्धार्थ डे वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि, पूरी जिंदगी में इन्होंने केवल 2 शो किए हैं। यहां ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे किसी फिल्म की हीरोइन हो. वैसे इस झगड़े के बाद घर के लड़कों पर एक बार फिर से मुसीबत ही आ जाएगी। यहां मजेदार बात यह है कि, इस मुसीबत से इन लोगों को वही निकालेगी जिनकी ये लड़के बुराईयां करते नजर आ रहे हैं। बिग बॉस की तरफ से दिए गए टास्क के दौरान लड़कियां ही लड़कों की किस्मत का चुनाव करेंगी. ताजा प्रोमो में लड़कियां लड़कों पर इल्जाम लगाती नजर आ रही हैं। कोइना मित्रा भी वीडियो में कहती नजर आ रही हैं कि, इन लोगों को बात करने की जरा सी भी तमीज नहीं है। इन लोगों को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। इस वीडियो को देखने के बाद इतना तो साफ है कि, आने वाले एपिसोड में भी दर्शकों को एंटरटेनमेंट का डबल डोज मिलने वाला है। बहरहाल, आप बिग बॉस 13 का अगला एपिसोड देखने के लिए कितने उत्साहित हैं कमेंट करके जरूर बताएं.
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सनी देओल के बेटे करण देओल की मोस्ट अवेटेड फिल्म पल पल दिल के पास आज (20 सितंबर) सिनेमाघरो में रिलीज हो गई है. इस फिल्म का लोगों को बहुत दिनों से इंतजार था. करण देओल की यह पहली फिल्म हैं. बीते काफी समय से करण देओल अपनी इस डेब्यू फिल्म को लेकर सुर्खियों में बने हुए थे. इस फिल्म का निर्देशन सनी देओल ने खुद किया है. इस फिल्म का नाम साल 1973 में आई धर्मेंद्र की सुपरहिट फिल्म ब्लैकमेल के मशहूर गीत पल-पल दिल के पास, तुम रहती हो.... से प्रेरित है. तो आइए, जानते हैं कैसी है करण की पहली बॉलीवुड फिल्म. फिल्म में करण देओल के साथ सहर बांबा की भी बॉलीवुड में एंट्री हुई है. इस फिल्म में वह लीड एक्ट्रेस की भूमिका में हैं. इस फिल्म में रोमांस के साथ ही एडवेंचर और एक्शन का भी तगड़ा डोज शामिल किया गया है. साथ ही फिल्म में आपको उत्तर भारत में हिमालय के खूबसूरत नजारे भी देखने को मिलेंगे. अगर देखा जाए, तो यह एक लव स्टोरी कहानी है. फिल्म में करण सेहगल नाम के एक युवक के किरादर में आपको करण देओल नजर आएंगे, जो एक ट्रेकिंग कंपनी के मालिक हैं और दूसरी तरफ सहर सेठी नाम की एक लड़की की भूमिका में आपको सहर बांबा दिखाई देंगी, जो एक मशहूर वीडियो ब्लॉगर हैं. अपने एक नए ब्लॉग की तैयारी में सहर की मुलाकात करण से होती है. सहर, करण के साथ ट्रेकिंग पर निकलती हैं, जहां दोनों के बीच प्यार हो जाता है. ट्रेकिंग के दौरान दोनों काफी वक्त साथ में गुजारते हैं. इस बीच दोनों बीच काफी नोंक झोंक होती है, लेकिन लड़ते-लड़ते दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है. अब इन दोनों की लव स्टोरी किस तरह पूरी होगी और होगी भी या नहीं... इसके लिए आपको खुद थिएटर जाकर पूरी फिल्म देखनी होगी. चूंकि दोनों की यह पहली फिल्म थी, इसलिए इनके अभिनय के बारे में बात करना तो बनता है. करण की अभिनय की बात की जाए, तो वह पर्दे पर काफी नेचुरल लगते हैं, लेकिन उन्हें डायलॉग डिलिवरी के लिए थोड़ा और मेहनत करना पड़ेगा. वैसे इनकी एक्टिंग आपको ठीक ठाक नजर आएगी. वहीं, बात करें सहर की तो यह पर्दे पर काफी कॉन्फिडेंट नजर आती हैं. इमोशनल सीन्स को सहर ने बखूबी निभाया है, लेकिन कॉमेडी सीन्स के लिए इन्हें काफी मेहनत करनी पड़ेगी. वैसे एक्टिंग सहर की काफी असरदार रही है. कुल मिलाकर दोनों की एक्टिंग ठीक ठीक कही जा सकती है. चूंकि यह दोनों की पहली फिल्म थी, इसलिए दर्शक इस जोड़ी को काफी पसंद करने वाली है. फिल्म के डायरेक्शन के कमान खुद करण के पापा सनी देओल ने संभाला है, इसलिए आपको हिमाचल प्रदेश के कुछ बेहद खूबसूरत नजारे फिल्म में देखने को मिलते हैं जिन पर नजरें ठहर जाती हैं. सनी देओल ने अपने बेटे के लिए कमाल का डायरेक्शन किया है, जिसकी के लिए उनकी तारीफ करनी तो बनती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो यह फिल्म एक बार तो देखी जा सकती है. फिल्म की रनिंग स्पीड भी अच्छी है, जो आपको बोर होने नहीं देती. साथ ही फिल्म का संगीत भी आपका दिल को जीतने के लिए काफी हैं.
फिल्म- जजमेंटल है क्या निर्देशक- प्रकाश कोवलामुदी कलाकार- कंगना रनौत, राजकुमार राव, अमायरा दस्तूर, हुसैन दलाल, जिम्मी शेरगिल आदि अवधि-2 घंटा 01 मिनट रेटिंग- *** कंगना रनौत और राजकुमार राव स्टारर फिल्म जजमेंटल है क्या ने आज यानि शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है. फिल्म को लेकर सुबह से ही उत्साह देखने को मिल रहा है. कंगना और राजकुमार राव के फैंस सिनेमाघरों तक टिकट लेकर फिल्म देखने पहुंच रहे हैं. जजमेंटल है क्या एक साइकोलॉजिकल-थ्रिलर मूवी है. जिसमें आप अंत तक बंधे रहते है. कंगना की यह फिल्म काफी विवादों में घिरने के बाद फिलहाल रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में आपको कंगना रनौत और राजकुमार राव की शानदार एक्टिंग देखने को मिलेगी. जिसके बारे में शायद ही आपने कल्पना की हो. कहानी- फिल्म की शुरुआत एक प्यारी सी बच्ची से होती है.। जिसकी मां घरेलू हिंसा की शिकार होती है. जिसके बाद यह कहानी सीधे 20 साल आगे ले जाती है. जहां बचपन में घटी घटनाओं के कारण बॉबी (कंगना रनौत) एक्यूट सायकोसिस जैसे गंभीर मनोरोग की शिकार हो जाती है. इस फिल्म में बॉबी एक डबिंग आर्टिस्ट होती है. लेकिन इस बीमारी के कारण वह जिन किरदारों को आवाज देती है, उस किरदार में खुद को ढूंढ लेती है और उसी को अपना सच मानने लगती है. कहानी में मोड़ एक दम तब आता है जब बॉबी के नए किराएदार के रुप में केशव (राजकुमार राव) और रीमा (अमायरा दस्तूर) की एंट्री होती है. इनकी नॉर्मल लाइफ के बीच में एक ट्विस्ट आता है जब इस घर में एक मर्डर होता है. जिसमें बॉबी केशव को अपराधी मानती है. क्या वह सच में अपराधी है या फिर बॉबी की एक कोरी कल्पना होती है. क्या वास्तव में केशव ने खून किया या फिर खुद बॉबी कातिल होती है. इसी सस्पेंस को जानने के लिए आपको फिल्म तो देखनी ही पड़ेगी. एक्टिंग- सबसे पहले कंगना रनौत की एक्टिंग की बात करें तो वह हर एक रोल में इस तरह घुस जाती हैं. जिसे देखने के बाद ऐसा लगता है मानो वह एक्टिंग नहीं बल्कि वास्वविकता हो. बॉबी के किरदार में उन्होंने दमदार एक्टिंग की है. वहीं राजकुमार राव की एक्टिंग की बात करें तो उन्होंने अपने किरदार में एक दम जान छिड़क दी है. उनके अभी तक फिल्मों में किए गए रोल में सबसे उम्दा रोल इस फिल्म में लगा. मासूमियत से एक शातिर दिमाग तक की एक्टिंग उन्होंने इतनी बखूबी से निभाई है जिसका कोई तोड़ ही नहीं है. इस फिल्म में बॉबी के बॉयफ्रेंड बनें हुसैन दलाल ने भी शानदार एक्टिंग की है. वह इस फिल्म में एक कड़ी जैसे हैं. जिसने फिल्म को बांधने में पूरी मदद की है. हुसैन अपनी एक्टिंग से आपको हंसने पर मजबूर कर देंगे. वहीं जिम्मी शेरगिल भी इस फिल्म में एक अहम कड़ी के रुप में नजर आए. निर्देशन-डायरेक्टर प्रकाश कोवलामुदी ने एक दम हटकर इस फिल्म को बनाया है. जिसमें हर एक चीज आपको बांधे रखेगी. फिल्म में सीन के अलावा केरेक्टर और साउंड आपके अंदर कहानी को लेकर अलग ही उत्सुकता बड़ा देगा. आप ये सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि आखिर आगे क्या होने वाला है. फर्स्ट हॉफ शानदार है लेकिन सेकंड हाफ में फिल्म को कुछ ज्यादा की खींच दिया गया है. वहीं क्लाइमैक्स को कुछ ही मिनट के अंदर खत्म कर दिया गया है. जिसे थोड़ा लंबा करना चाहिए था. फिल्म देखें या नहीं- अगर आप कंगना रनौत और राजकुमार के फैन के अलावा कुछ अच्छे कंटेंट की फिल्म का इंतजार कर रहे थे तो फिर आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए.
फिल्म- सुपर 30 निर्देशक- विकास बहल कलाकार- ऋतिक रोशन, मृणाल ठाकुर, अमित साद, पंकज त्रिपाठी आदि अवधि-2 घंटा 34 मिनट रेटिंग- *** बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन की मोस्ट अवेटेड फिल्म सुपर 30 आज (12 जुलाई) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. दर्शकों को इस फिल्म का इंतजार काफी समय से था. ऋतिक की इस फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है. इस फिल्म में ऋतिक बिहार के फेमस गणितज्ञ आनंद कुमार की भूमिका में हैं और यह किरदार अब तक ऋतिक की आई बाकी फिल्मों से बिलकुल अलग है. फिल्म कृष के सीक्वल ने ऋतिक को एक सुपरहीरो के रूप में पेश किया, जिसे हर वर्ग के लोगों ने स्वीकार किया और जो शायद ऋतिक की अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा सकती है. कृष के बाद अब सुपर 30 ऋतिक को एक नई पहचान दे सकती है. बिहार के जीनियस गणितज्ञ और शिक्षक आनंद कुमार, जिन्होंने अपना खुशहाल करियर छोड़कर, अपने प्यार को कुर्बान करके 30 ऐसे बच्चों को आईआईटी के लिए पढ़ाया जो बिल्कुल ही साधन विहीन थे. फिल्म में ऋतिक ने अपने किरदार के साथ इंसाफ करते हुए पूरी तरह से आनंद कुमार की जिंदगी को जीया है. फिल्म में आपको कहीं भी ऐसा नहीं लगेगा कि आप बोर हो रहे हैं. फिल्म में ऋतिक के अलावा तमाम अभिनेताओं ने जैसे मृणाल ठाकुर, अमित साद, पंकज त्रिपाठी और जॉनी लीवर भी अपने-अपने किरदार को इतनी मजबूती से पकड़ा हुआ है कि वह सिनेमाघर में एक मिनट के लिए भी आपको सीट से उठने नहीं देंगे. फिल्म में आपको ऋतिक का बिलकुल ही अलग अवतार नजर आएगा. आपने पहले कभी भी ऋतिक ऐसे किरदार में नहीं देखा होगा. फिल्म में ऋतिक की अदाकारी शानदार है, लेकिन कही-कहीं आपको लगेगा कि वह बिहारी भाषा का उच्चारण सही तरीके से नहीं कर पाए हैं. फिल्म का फर्स्ट हाफ आपको बेहद पसंद आने आने वाला है, वहीं सेकेंड हाफ में फिल्म थोड़ी स्लो है, लेकिन इसे ठीक-ठाक कहा जा सकता है. फिल्म में आनंद कुमार की पर्सनल लाइफ से जुड़ी छोटी-छोटी बातों पर फोकस किया गया है और सुपर 30 को बनाने में उनकी मुश्किल राह को भी बहुत बारिकियों के साथ दिखाया गया है. फिल्म के निर्देशक विकास बहल की भी तारीफ करने होगी कि उन्होंने फिल्म की कमान पूरी तरह अपने पास रखते हुए आनंद की जिंदगी की कड़वी हकीकत को बहुत ही संजीदगी के साथ बयां किया है. इससे ज्यादा सफलता किसी निर्देशक को नहीं मिल सकती. फिल्म के गाने पहले ही सोशल मीडिया पर अपनी छाप छोड़ चुके हैं. ऋतिक रोशन की सुपर 30 करीब 85 करोड़ रुपये के बजट में बनी हुई है. इस फिल्म को मेकर्स देश भर में 3000 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है और यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि सुपर 30 की कहानी बहुत प्रेरणादायक है.
फिल्म- कबीर सिंह निर्देशक- संदीप रेड्डी वांगा कलाकार- शाहिद कपूर, कियारा आडवाणी, अर्जन बाजवा, कामिनी कौशल, सुरेश ओबेरॉय आदि अवधि: 2 घंटा 55 मिनट रेटिंग- *** संदीप रेड्डी वांगा की तेलुगू फ़िल्म अर्जुन रेड्डी के रीमेक कबीर सिंह में शाहिद कपूर ने जो काम किया है इसे उनका अब तक का बेस्ट काम कह सकते हैं. संदीप रेड्डी ने ही अर्जुन रेड्डी का निर्देशन किया था और बहुत अच्छी बात है उन्होंने ही इस फ़िल्म को निर्देशित किया है क्योंकि कबीर सिंह का जो जुनून है वो परदे पर कोई और प्रस्तुत कर ही नहीं सकता है. ख़ासकर दिल टूटने वाले सीन को जिस तरह उन्होंने लिखा है वो परदे पर साफ़ नज़र आता है, तीन घंटे लम्बी फ़िल्म कैसे निकल जाती है आपको पता ही नहीं चलता है. कबीर सिंह के रोल में शाहिद कपूर ने जो एक्टिंग की है, इसे उनका अब तक का बेस्ट काम कह सकते हैं. इससे पहले लगता था कि शाहिद कपूर का काम हैदर में सबसे अच्छा है लेकिन कबीर सिंह देखने के बाद आपकी राय बदल जाएगी. कबीर के ग़ुस्से को, प्यार को और जुनून को शाहिद ने जिस तरह परदे पर जिया है शायद और कोई ये स्वैग परदे पर नहीं ला सकता था. कियारा आडवाणी (प्रीति) के रोल में जंची हैं, फ़िल्म में उनके डायलॉग्स बहुत कम हैं, लेकिन कियारा ने बिन बोले ही प्रीति के किरदार को बख़ूबी जिया है. जब भी वो परदे पर होती हैं अपनी मासूमियत से वो आपका दिल जीत लेंगी. कबीर सिंह के भाई करन के रोल में अर्जन बाजवा ने भी बहुत अच्छा काम किया है. कबीर सिंह की लाइफ़ में जितने भी लोग हैं, उसकी माँ, पिता (सुरेश ओबेरॉय), कबीर की दादी उसके दोस्त हर किरदार आपको रीयल लगेगा, सबने अपने अपने रोल में उतनी ही मेहनत की है और इसका क्रेडिट भी संदीप को जाता है. संदीप ने छोटी से छोटी चीज़ों का ध्यान रखा है, बॉलीवुड में आपने ऐसी लव स्टोरी पहले नहीं देखी होगी. फ़िल्म के क्लाइमैक्स से पहले एक सीन आता है जहाँ कबीर अपने पिता से बात करता है ये सीन कबीर के किरदार को नए तरीक़े से परिभाषित करता है. यहाँ आपको समझ आता है कि लाइफ़ को लेकर कबीर का विज़न क्या है. कबीर को इतना ग़ुस्सा आता है और ग़ुस्से में वो कुछ भी बोल देता है लेकिन फिर भी उसे देखकर लगता है कि ये बिलकुल हम जैसा है, हर किसी की ज़िंदगी में ऐसा फ़ेज़ आता है, कबीर सिंह की कहानी उसी फ़ेज़ की है. अब बात करते हैं अर्जुन रेड्डी से कितनी अलग है कबीर सिंह. ये फ़िल्म बिल्कुल भी अलग नहीं है, सीन टू सीन और डायलॉग टू डायलॉग फ़िल्म बिल्कुल अर्जुन रेड्डी जैसी है. कहीं कोई बदलाव नहीं किया गया है बदला है तो सिर्फ़ किरदारों का चेहरा और लोकेशन. हाँ इस फ़िल्म में आप शाहिद को जानते हैं इसलिए बीच-बीच में आपको याद आ जाता है कि ये शाहिद हैं लेकिन अर्जुन रेड्डी में विजय देवरकोंडा नए थे और दुनिया के लिए वो उस वक़्त सिर्फ़ अर्जुन रेड्डी थे. इसके अलावा फ़िल्म में कोई बदलाव नहीं है. अगर आपने अर्जुन रेड्डी देखी है तो आप कबीर सिंह नहीं भी देखेंगे तो कुछ नहीं खोएंगे. हाँ आप शाहिद के लिए ये फ़िल्म देख सकते हैं. फ़िल्म अर्जुन रेड्डी और एक्टर विजय देवरकोंडा के फ़ैन्स को शायद इस फ़िल्म में कुछ मिसिंग लगे लेकिन अपनी भाषा में इस फ़िल्म को देखकर भी आपको बहुत अच्छा लगेगा. ये फ़िल्म आप शाहिद के लिए देखिए, कबीर सिंह के प्यार और जुनून के लिए देखिए और इसलिए देखिए कि बॉलीवुड में ऐसी लव स्टोरी बहुत वक़्त बाद आई है जो आपको अंदर तक हिलाकर रख दे.
फिल्म- भारत निर्देशक- अली अब्बास जफर कलाकार- सलमान खान, कटरीना कैफ, सुनील ग्रोवर, जैकी श्रॉफ, सोनाली कुलकर्णी, दिशा पटानी आदि रेटिंग- *** बॉलीवुड के दबंग सुपरस्टार सलमान खान के फैंस को ईद के मौके पर उनकी फिल्म भारत का तोहफा मिला है. आज सलमान खान की भारत रिलीज हो गई है. इस फिल्म में देश के बंटवारे से शुरू हुई कहानी को दिखाया गया है. फिल्म में 1947 से 2010 तक के वक्त को जीवंत किया गया है. इसमें सलमान की उम्र के अलग-अलग पड़ावों को दिखाया गया है. एक बार फिर इस फिल्म में सलमान, कटरीना कैफ के साथ नजर आ रहे हैं. इनकी जोड़ी का अभी तक अच्छा रिकॉर्ड रहा है. कहानी- भारत की कहानी शुरू होती है 2010 से, जहां सलमान खान (भारत) उम्रदराज शख्स के रोल में नजर आते हैं. बाजार में उसकी राशन की दुकान होती है. यहां भारत का जिगरी दोस्त विलायती (सुनील ग्रोवर) भी होता है. यहां एक डीलर दुकान बेचकर मॉल बनाना चाहता है, जिसे भारत सबक सिखाकर भगा देता है. अगले दिन भारत का जन्मदिन होता है जिसे वह हर साल की तरह अटारी स्टेशन पर रेल के साथ भागते हुए काटता है. हालांकि उसका असल जन्मदिन इस दिन नहीं होता है. वह इस दिन रेल से भारत आया था. देश के बंटवारे का सीन काफी इमोशनल कर देने वाला था, जब जैकी श्रॉफ अपने परिवार के पास ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे वहीं रह जाते हैं. उस वक्त वे छोटे से भारत(सलमान) को परिवार की पूरी जिम्मेदारी सौंप देते हैं. सलमान इसमें रशियन सर्कस से लेकर अपनी बूढ़ापे तक की कहानी का जिक्र करते हैं. डायरेक्शन - इस फिल्म को अली अब्बास जफर ने डायरेक्ट किया है।. इससे पहले वे सलमान के साथ सुल्तान और टाइगर जिंदा है बना चुके हैं. दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही थीं. भारत को देखकर भी ऐसा ही कुछ लग रहा है. फिल्म में अलग-अलग वक्त को दिखाया गया है. एक वक्त से दूसरे में जाने में डायरेक्टर ने बहुत अच्छा काम किया है. इसे देखकर आपको ऐसा बिल्कुल नहीं लगेगा कि एक सीन के बाद दूसरा सीन एकदम से कैसे आ गया है. फिल्म की बारीकियों पर ध्यान दिया गया है. एक्टिंग- अभिनय की अगर बात करें तो यह फिल्म एक अभिनेता के रूप मे सलमान की सबसे बेहतरीन फिल्म है. इस फिल्म मे वह आपको हंसाते हैं आपको रुलाते हैं और कई बार उम्मीद से परे जाकर आपको चौकाते हैं. कटरीना कैफ के अभिनय के स्तर पर यह सबसे बेहतरीन फिल्म है. सुनील ग्रोवर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं. तकनीकी स्तर पर बात की जाए तो फिल्म की सिनेमैटोग्राफी कमाल की है. फिल्म के एडिटिंग डिपार्टमेंट को थोड़ा लालच छोड़कर लगभग 15 मिनट की फिल्म एडिट कर देते तो अच्छा होता.
बॉलीवुड ऐज गैप जैसे बोल्ड विषयों पर फिल्म बनाने के लिए अभी मैच्योर नहीं हो सका है. दे दे प्यार दे को देखते हुए जेहन में पहली बात यही कौंधती है. 50 साल की उम्र में 26 साल की लड़की से इश्क होना, बिल्कुल भी आम बात नहीं है. डायरेक्टर इस विषय को उठाते हुए इस बात को भूल ही गए कि वे तीन लोगों के रिश्तों को लेकर फिल्म गढ़ रहे हैं. अजय देवगन, तब्बू और रकुल प्रीत सिंह की तिकड़ी के बीच जिस तरह की केमेस्ट्री आकिव अली ने दिखाई है, वह हास्यास्पद है. दे दे प्यार दे की कहानी 50 साल के अजय देवगन की है जो अपनी पत्नी से अलग हो चुका है. अजय देवगन को 26 साल की रकुल प्रीत से इश्क हो जाता है. यह अनोखी लव स्टोरी पूरे उफान पर बहती है. अजय देवगन अपनी इस युवा साथी के साथ अपनी पूर्व पत्नी और बच्चों के पास पहुंचता है. उसके बाद शुरू होती है अजीबोगरीब कहानी. पहला हाफ कुछ हंसाता है लेकिन दूसरे हाफ में ऐसा लगता है कि डायरेक्टर को समझ नहीं आ रहा है कि जो रायता उन्होंने फैलाया है, उसे कैसे समेटे. फिल्म की रफ्तार बहुत स्लो हो जाती है. स्क्रीनप्ले भी बेहद खराब है. अगर एक्टिंग की बात करें तो रकुल प्रीत सिंह दिल जीतने में कामयाब रहती हैं. फिल्म की जान रकुल प्रीत सिंह हैं और जब भी वे स्क्रीन पर आती हैं, दर्शकों के चेहरे पर चमक दौड़ जाती है. तब्बू ने अच्छी एक्टिंग की है, लेकिन अजय देवगन इस रोल में बहुत जमे नहीं हैं, और एक्टिंग के मामले में भी कहीं आउट नजर आते हैं. कुल मिलाकर उनकी एक्टिंग बहुत ही एवरेज रही है. ये भी कह सकते हैं कि वे इस रोल में कहीं मिसफिट लगते हैं. De De Pyaar De का डायरेक्शन बेहद कमजोर है और कहानी भी पटरी से उतरी हुई है. हालांकि फिल्म का संगीत अवश्य मजेदार है, और उन गानों पर रकुल प्रीत सिंह को देखना वाकई अच्छा अनुभव है. फिल्म में यूथ को कनेक्ट करने वाला कनेक्शन भी मिसिंग नजर आता है. ऐसे में दे दे प्यार दे निराश करती है.
अजय देवगन, माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर जैसे स्टार्स से सजी फिल्म टोटल धमाल आज यानी 22 फरवरी को रिलीज हो गई है. फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखकर निकले दर्शकों का कहना है कि फिल्म काफी अच्छी है कॉमेडी के पंच से भरपूर है. ये फिल्म आपको हंसाती है जिसके कारण आप अपने वीकेंड को खुशनुमा बना सकते हैं. फिल्म में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की पसंदीदा एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित भी नजर आ रही हैं. फिल्म में अजय देवगन का किरदार आपको गोलमाल के गोपाल की याद दिलाता है. फिल्म में अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित की जोड़ी दर्शकों को हंसाने पर मजबूर कर देती है. इसके अलावा जॉनी लीवर का किरदार आपको फिल्म खट्टा- मीठा के जॉनी लीवर की याद दिलाता है. वहीं जावेद जाफरी ने हमेशा की तरह शानदार काम किया है. अगर आप अपने वीकेंड पर रिलैक्स करना चाहते हैं तो ये फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए. फिल्म की कहानी गुड्डू (अजय देवगन), पिंटू (मनोज पाहवा) और जॉनी (संजय मिश्रा) के आस-पास घूमती है. इसके बाद अचानक एक दिन पिंटू के हाथ करोड़ों का खजाना लगता है, गुड्डू और जॉनी को धोखा देकर पिंटू इस खजाने को कहीं छिपा देता है. फिल्म की कहानी एक एडवेंचर राइड की तरह आगे बढ़ती है जिसे देखने में दर्शकों को मज़ा आता है. फिल्म के म्यूजिक की बात करें तो वह भी काफी कमाल का है. टोटल धमाल में मुंगड़ा मुंगड़ा गाने का रीक्रिएटिड वर्जन सुनने को मिला है. इस गाने में सोनाक्षी सिन्हा ने गजब का डांस किया है. अगर आप भी कॉमेडी अड्वेंचर फिल्म देखने के फैन हैं तो ये फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए.
फिल्म गली बॉय निर्देशक जोया अख्तर, कलाकार रणवीर सिंह, अलिया भट्ट, कल्कि कोचलिन,विजय राज, सिद्धांत चतुर्वेदी रेटिंग **** रणवीर सिंह और अलिया भट्ट की फिल्म गली बॉय रिलीज हो चुकी है. फिल्म आम रोमांटिक मसाला मूवीज से हटकर है. जिसे हर एक एक्टर ने अपनी एक्टिंग से और भी मजबूत बना दिया है. डायरेक्टर के तौर पर जोया अख्तर का काम काबिल-ए-तारीफ है. जोया अब तक जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, दिल धड़कने दो जैसी बेहतरीन फिल्में बना चुकी हैं, ऐसे में इस फिल्म को लेकर पहले से ही काफी उम्मीदें थी और यह फिल्म देखकर आपको बिल्कुल निराशा नहीं होगी, क्योंकि यह पूरी तरह से आपकी उम्मीदों पर खरी उतरी हैं. कहानी- फिल्म की कहानी मुंबई के धारावी की एक चॉल से शुरू होती है. मुराद (रणवीर सिंह) गरीबी और सामाजिक बहिष्कार से जूझता एक मुंबई का युवा है जिसका सपना एक बड़ा रैपर बनने का है. मुराद, एक जिंदादिल लड़की सैफीना (आलिया भट्ट) से प्यार करता है. मुराद की जिंदगी में बदलाव तब आता है जब वह एक दिन एमसी शेर उर्फ श्रीकांत को कॉलेज के लड़कों के साथ रैप करता देखता है. मुराद इसके बाद श्रीकांत के साथ जुड़ जाता है और ये दोनों अपनी एक टीम बनाकर रैप करने लगते हैं. मुराद के इस काम में उसके दोस्त और उसका परिवार साथ देते है या नहीं यह देखने के लिए आपको फिल्म देखने जाना पड़ेगा. डायरेक्शन- जोया के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में कुछ छोटी कमियां नजर आई. इसकी स्टोरी काफी प्रीडिक्टेबल थी. फिल्म की एडिटिंग पर भी थोड़ा काम किया जा सकता था.लेकिन इस जबरदस्त फिल्म के आगे इन कमियों को आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है. अगर देखा जाए तो गली बॉय एक कम्प्लीट पैकेज है, जिसे देखना एक बार तो बनता है. हाल के सालों में आई फिल्मों में यह अपनी तरह की अलग और दिलचस्प फिल्म है. किरदार- रणवीर ने एक बार फिर इस फिल्म से साबित कर दिया कि उन्हें कोई भी कैरेक्टर दिया जाए, वो उसे इस तरह निभाएंगे कि आप किसी और एक्टर को उस कैरेक्टर में सोच ही नहीं पाएंगे. रणवीर की रैपिंग देखकर आप भी चौंक जाएंगे. वहीं, आलिया के किसी भी सीन में आने पर वह पूरी तरह से पर्दे पर छा जाती है. उनका कैरेक्टर महिला सशक्तिकरण का मजबूत उदाहरण है. यह आलिया की बेस्ट परफॉर्मेंस में से एक है. डेब्यू एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी को देखकर आप ये सोच ही नहीं पाएंगे कि इन्होंने डेब्यू किया है. उनकी एक्टिंग इतनी नैचुरल है कि उन्हें देखकर आपको लगेगा कि यह रीयल में रैपर ही हैं. विजय राज, शीबा चड्डा, कल्कि कोचलीन, विजय वर्मा ने अपना किरदार बखूबी निभाया है.
स्टार रेटिंग- 3/5 स्टारकास्ट- अनुपम खेर, अक्षय खन्ना, सुजैन बर्नेट, अहाना कुमरा और अर्जुन माथुर डायरेक्टर- विजय गुट्टे जॉनर- बायोग्राफिकल ड्रामा रनिंग टाइम- 1 घंटे 52 मिनट पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर रिलीज हो चुकी है. मनमोहन सिंह के राजनीतिक सफर को दिखाकर डायरेक्टर विजय गुट्टे ने एक इंटरेस्टिंग और जबर्दस्त पॉलिटिकल मैसेज दिया है. यह फिल्म मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की इसी नाम से आई बुक पर बेस्ड है. फिल्म के रिलीज का वक्त इसे और भी रोचक बना देता है, क्योंकि आम चुनाव होने ही वाले हैं. फिल्म जाहिरतौर पर 2004 से 2014 तक रही पार्टी के बारे में कुछ राज खोलने का प्रयास करती है. कहानी- फिल्म की शुरूआत होती है सोनिया गांधी (सुजैन बर्नेट) की अध्यक्षता में 2004 के चुनावों में कांग्रेस की जीत से. जहां एक तरफ सोनिया के सलाहकार उन्हें पीएम की कुर्सी संभालने के लिए कहते हैं वहीं दूसरी तरफ वे अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए पीएम की कुर्सी आगे कर देती हैं. बिल्कुल वहीं से संजय बारू के नजरिए से हमें दिखाया जाता है कि दरवाजे के पीछे आखिर क्या हुआ.. जहां पर दिखाया जाता है कि कैसे सोनिया गांधी और उनके चहेते सपोर्टर्स द्वारा 10 साल के UPA सरकार में मनमोहन सिंह को हर वक्त नीचा दिखाया जाता है. डॉ. मनमोहन सिंह संजय बारू (अक्षय खन्ना) को अपना मीडिया सलाहकार बनाते हैं. फिल्म में दिखाया गया है की कैसे मनमोहन सिंह को अपनी ही पार्टी से खूब संघर्ष करना पड़ता है. वो संघर्ष कैसा था यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. डायरेक्शन- विजय गुट्टे ने फिल्म का निर्देशन किया है जो ठीक-ठाक है. उसमें और बेहतर होने की गुंजाइश नज़र आती है. फिल्म में मनमोहन सिंह के लिए मानवीय भावना रखने के बजाए यहां भी मज़ाक बनाया गया है. जिससे ऑडिएंस उनके इमोशन्स से कनेक्ट नहीं हो सकी है. इस फिल्म में सभी कैरेक्टर्स सिर्फ हास्य चित्र मालूम होते हैं. वहीं एक नैरेटर के तौर पर अक्षय खन्ना टेलर्ड-सूट में काफी स्मार्ट लगे हैं. उनके चेहरे पर हमेशा रहने वाली चालाकी से भरी मुस्कुराहट कई बार ऑडिएंस को सोच में डाल देती है. अभिनय- द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर फिल्म में अभिनय की बात करे तो हर किरदार ने बखूबी किरदार निभाया है. फिर चाहे मनमोहन सिंह के किरदार में अनुपम खेर हों या फिर सोनिया गांधी के रोल में सुजैन बर्नर्ट. हर कलाकार ने असल किरदार को हुबहू कॉपी करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. अनुपम खेर मनमोहन सिंह के किरदार में खूब जमे हैं. प्रियंका गांधी के किरदार में अहाना कुमरा को एक या दो सीन ही मिले हैं. वहीं राहुल गांधी के किरदार में अर्जुन माथुर भी ठीक-ठाक लगे हैं. संजय बारू के किरदार में अक्षय खन्ना ने मानो जान फूंक दी हो. जिस तरह से वो पूरी स्टोरी बताते हैं उससे फिल्म को एक नया फ्लेवर मिला है. संगीत- फिल्म का संगीत बेहद कमज़ोर है. बैकग्राउंड स्कोर भी लुभाता नहीं है. ये फिल्म उन लोगों के लिए खास तोहफा है जो राजनीति में खास दिलचस्पी रखते हैं. वही इस फिल्म की जान हैं अक्षय खन्ना.
फिल्म सिंबा निर्देशक रोहित शेट्टी कलाकार रणवीर सिंह, सारा अली खान, सोनू सूद, आशुतोष राणा और सिद्धार्थ जाधव रेटिंग **** रणवीर सिंह और सारा अली खान की फिल्म सिंबा सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित सिंबा में रणवीर सिंह ने अपने फैन्स को पुलिस के रुप में शानदार तोहफा दिया है. रोहित शेट्टी की इस फिल्म में मसाला एंटरटेनर के सारे गुण हैं. सिंबा में एक्शन के साथ कॉमेडी का भी जबरदस्त तड़का है. अक्षय कुमार और अजय देवगन के कैमियो फिल्म को देखने का मजा दोगुना कर देते हैं. कहानी- सिंघम फिल्म के बाजीराव सिंघम के गाँव शिवगढ़ का रहने वाला अनाथ लड़का संग्राम भालेराव उर्फ़ सिम्बा (रणवीर सिंह) बचपन से ही एक पुलिस ऑफिसर बनना चाहता है. पुलिस की वर्दी के जरिये वह ढेर सारे पैसे कमाना चाहता है. इसी लालच के चलते सिंबा की पोस्टिंग गोवा के मिरामार इलाके में हो जाती है, जहां दुर्वा रानाडे (सोनू सूद) का राज चलता है. जो राह चलते को छेड़ता नहीं लेकिन उसके रास्ते में कोई आए तो उसे छोड़ता नहीं. ज्यादा पैसे कमाने की वजह से सिंबा दुर्वा रानाडे से हाथ मिलता है और काली दुनिया पर राज करने के सपने देखने लगता है. इसी बीच सिंबा की मुलाकात पुलिस स्टेशन के सामने कैंटीन चलाने वाली शगुन (सारा अली खान) से होती है और धीरे-धीरे दोनों में प्यार हो जाता है. फिल्म की कहानी आगे बढ़ती हैं और एक घटना की वजह से लालची पुलिस ऑफिसर सिंबा की बेईमानी ईमानदारी में बदल जाती है. वहीं एक दूसरे को भाई मानने वाले दूर्वा और सिम्बा एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं. फिल्म के बारे में और अधिक जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी. डायरेक्शन- रोहित शेट्टी एक्शन और कॉमेडी मूवी बनाने में महारत है. सिंबा का पहला हाफ कॉमेडी से भरपूर है, वहीं दूसरे हाफ में जबरदस्त एक्शन देखने को मिलता है. साथ ही यह फिल्म बेहतरीन संदेश भी देती है. जो इस फिल्म के डायरेक्शन को पूरा करने का काम करती है. वहीं फिल्म में रणवीर को बतौर सिम्बा के रुप में शानदार तरीके से पेश करना इस फिल्म को शानदार बनाता है. रोहित शेट्टी ने एक बार फिर से ऑडियंस के सामने एक परफेक्ट एंटरटेनर प्रस्तुत की है. लेकिन सिंबा की कहानी को आम पुसिल ऑफिसर के रुप में पेश किया गया है. कमजोर कहानी होने के बावजूद भी रोहित की यह फिल्म खूब पसंद आएगी. अभिनय- सिंबा के रोल में रणवीर सिंह को देखना आपको अच्छा लगेगा. परिस्थितियों के हिसाब से रणवीर ने अपनी एक्टिंग में डांस, एक्शन और कॉमेडी का ऐसा प्रदर्शन किया है, जो फिल्म में उनकी भूमिका को कम्प्लीट पैकेज साबित करता है. इस फिल्म में सारा अली खान के पास ज्यादा कुछ नहीं दिखता लेकिन सारा उनकी उपस्थिती से फिल्म में अलग ही रंग डालती है. सोनू सूद और आशुतोष राणा ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है. सिद्धार्थ जाधव भी अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग से आपको खूब हंसाएंगे.
फिल्म जीरो निर्देशक आनंद एल राय कलाकार शाहरुख खान, कटरीना कैफ, अनुष्का शर्मा, जीशान अयूब और तिग्मांशु धूलिया। रेटिंग ***1/2 बॉलीवुड के किंगखान यानि कि शाहरुख खान की मोस्ट अवेंटड फिल्म जीरो आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. यह फिल्म देश और विदेश में 6000 हजार स्क्रीन पर रिलीज हुई है. इस फिल्म की खास बात यह है कि इसमें शाहरुख खान एक बौने के रोल में है. इस फिल्म में शाहरुख के अलावा, कैटरीना कैफ, अनुष्का शर्मा और तिग्मांशु धूलिया भी अहम रोल में है. कहानी- बउआ सिंह (शाहरुख खान) मेरठ का रहने वाला एक ऐसा शख्स है जो वर्टिकली चैलेंज्ड है, लेकिन वह दिल का बेहद अच्छा इंसान है. उसे आफिया (अनुष्का शर्मा) नाम की एक वैज्ञानिक से प्यार हो जाता है. आफिया सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित है. दोनों की यह अनूठी प्रेम कहानी भारत से अमेरिका पहुंच जाती है और वहां से अंतरिक्ष तक. इस प्रेम कहानी के सफर में बउआ और आफिया की ज़िंदगी में कई मुश्किलें आती हैं. इसी बीच बॉलिवुड ऐक्ट्रेस बबीता कुमारी कैटरीना कैफ की बउआ और आफिया की ज़िंदगी में एंट्री होती है जिससे और भी ड्रामा शुरू हो जाता है. डायरेक्शन- आनंद एल.राय की जीरो में हर तरह का मसाला मौजूद है. साउथ इंडियन किरदार, साउथ इंडियन एक्टर, शादी से भाग जाना सब कुछ है शाहरुख खान भले ही फिल्म के जीरो हैं, कटरीना कैफ के ग्लैमर और अनुष्का का एक्टिंग परफॉरमेंस दर्शकों को बांध के रखती है. आनंद एल राय ने फिल्म के साथ अच्छा साथ दिया है. अभिनय- इस फिल्म के डायलॉग्स ऐसे है कि आप फिल्म को देखते समय बोर नहीं होंगे, जो बखूबी लिखे गए हैं. यही फिल्म की जान है. इसके अलावा फिल्म का VFX के काम खासकर स्पेस सीन बेहतरीन हैं. शाहरुख खान ने अपने करियर के इस पड़ाव में काफी चैलेंजिंग रोल किया है. अनुष्का शर्मा की बात करें तो एक खूबसूरत एक्ट्रेस अगर मेहनत करके भी जब खूबसूरत न दिखने की कोशिश करती है, तो सुंदरता उसके परफॉर्मेंस में दिखाई देती है. वहीं, मॉडल के रोल में कटरीना कैफ काफी इम्प्रेस करती हैं. फिल्म के लुक सीन्स में उनके एक्टिंग भी झलकती है. फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अपने किरदार में अच्छी एक्टिंग की है.